समझदारी से करें मुश्किलों का सामना

समझदारी से करें मुश्किलों का सामना

FacebookTwitterLinkedInCopy Link

जब भी हमारे जीवन में मुश्किलें आती है, तो उसका सामना अगर समझदारी से किया जायें, तो वह खुद ब खुद ही हल हो जाती है। कुछ ऐसा ही नीचे दी गई कहानी हमें बताती है।

कहानी से ले प्रेरणा

नदी किनारे जामुन के पेड़ पर एक बंदर रहता था। इस पेड़ पर पूरे साल जामुन लगे रहते थे और इसका फल बहुत मीठा था। बंदर पूरे दिन पेड़ पर उछल-कूद करता और मीठे जामुन का आनंद लेता था।

एक दिन एक मगरमच्छ जामुन के पेड़ के नीचे आराम करने आया। उसे देखकर बंदर ने कहा, ‘यह जामुन का पेड़ मेरा घर है और तुम यहां आराम करने आये हो, तो तुम मेरे मेहमान हुये, इसलिये यह लो मीठे जामुन।’ बंदर ने कुछ जामुन तोड़कर मगरमच्छ के मुंह में फेंके।

के नीचे आराम करने आया। उसे देखकर बंदर ने कहा, ‘यह जामुन का पेड़ मेरा घर है और तुम यहां आराम करने आये हो, तो तुम मेरे मेहमान हुये, इसलिये यह लो मीठे जामुन।’ बंदर ने कुछ जामुन तोड़कर मगरमच्छ के मुंह में फेंके।

अब तो मगरमच्छ रोज़ाना बंदर के पास मीठे जामुनों का आनंद लेने पहुंच जाता। धीरे-धीरे दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई। एक दिन मगरमच्छ ने बंदर से कहा कि कुछ जामुन वह अपनी पत्नी के लिये ले जाना चाहता है। उस दिन बंदर ने ज़्यादा जामुन तोड़ें और मगरमच्छ को दे दिये।

मगरमच्छ ने जामुन अपनी पत्नी को खिलायें, तो स्वादिष्ट जामुन खाकर मगरमच्छ की पत्नी बोली, ‘इन जामुनों को बंदर अगर ये रोज़ खाता है, तो सोचो की उसका स्वाद कितना अच्छा होगा। तुम मेरे लिए बंदर का कलेजा लेकर आओ।’

समझदारी से करें मुश्किलों का सामना
बुद्धिमान बंदर की चालाकी | इमेज : फाइल इमेज

मगरमच्छ ने चली चाल

पत्नी की बात सुनकर मगरमच्छ ने यह काम करने से मना कर दिया लेकिन पत्नी की जिद्द के आगे उसे हार माननी पड़ी।

पेड़ के नीचे पहुंचकर उसने बंदर से कहा कि उसकी पत्नी को जामुन बहुत पंसद आये। मगरमच्छ बोला, ‘मैंने उसे अपनी दोस्ती के बारे में बताया, तो वह तुमसे मिलना चाहती है। आज रात को खाने पर तुम्हें बुलाया है।’ बंदर तैयार हो गया।

बंदर को तैरना नहीं आता था, तो मगरमच्छ ने उसे अपनी पीठ पर बिठा लिया। जैसे ही दोनों नदी की गहराई में आयें, तो मगरमच्छ को यकीन हो गया कि अब बंदर यहां से भाग नहीं सकता, तो उसने अपनी पूरी योजना बंदर को बता दी।

बंदर की समझदारी

सब सुनने के बाद भी बंदर शांत बैठा रहा और बोला, ‘यह तो मेरा सौभाग्य है, लेकिन तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया, मैं तो अपना कलेजा पेड़ पर ही छोड़ आया हूं। अब हमें वापस जाना होगा।’

मगरमच्छ ने बंदर की बात मान ली और वह उसे वापस पेड़ के पास ले आया। वहां पहुंचते ही बंदर पेड़ की सबसे ऊंची डाल पर जा बैठा और बोला, ‘मूर्ख मगरमच्छ भला कोई अपना कलेजा निकाल सकता है। तुम मुझे धोखा दे रहे थे, तो मैंने अपनी जान बचाने के लिए झूठ बोला।’

कहानी सीख देती है कि बंदर की तरह हमें भी मुश्किल हालात में घबराना नहीं चाहिये और समझदारी से समस्या का हल सोचना चाहिये।

बनें समझदार

– कठिन परिस्थितियों से डरने की बजाय धैर्य से उसका सामना करें।

– घबराने से स्थिति बिगड़ सकती है, जबकि शांत बने रहने से समस्या का हल निकलता है।

– हमेशा अपने दिमाग का इस्तेमाल करें, क्योंकि बुद्धि बहुत बलवान होती है।

और भी  पढ़िये : पारिवारिक रिश्ते बनायें मज़बूत

अब आप हमारे साथ फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर भी जुड़िये।

Your best version of YOU is just a click away.

Download now!

Scan and download the app

Get To Know Our Masters

Let industry experts and world-renowned masters guide you towards a meditation and yoga practice that will change your life.

Begin your Journey with ThinkRight.Me

  • Learn From Masters

  • Sound Library

  • Journal

  • Courses

Congratulations!
You are one step closer to a happy workplace.
We will be in touch shortly.