अगर बच्चों को विकल्प दिया जाये कि खिलौने या अपने माता-पिता के साथ समय, तो बच्चों का पहला ऑप्शन माता-पिता का साथ। वह उनके साथ रहने के ज़्यादा से ज़्यादा मौके तलाशते हैं। अमेरिका में हुये एक सर्वे के मुताबिक, 70 फीसदी बच्चे अपने पैरेंट्स के साथ ज़्यादा समय बिताना चाहते हैं। वैसे ऐसा सिर्फ अमेरिका के ही नहीं, बल्कि सारे बच्चे चाहते हैं।
खिलौने नहीं मम्मी का चाहिये साथ
सात साल की अरीवा अपनी मम्मी से कह रही थी, ‘मम्मा आप मेरे साथ कभी नहीं खेलती, बस हमेशा काम करती रहती हो। चलो न मेरे साथ कुछ खेलो न। मुझे अपने बर्थडे पर कोई खिलौना नहीं चाहिये, बस आपके साथ खेलना है।’ अरीवा की तरह ही ज़्यादातर बच्चे अपने मम्मी-पापा के साथ खेलना चाहते हैं, उनके साथ समय बिताना चाहते हैं, अपनी बातें शेयर करना चाहते हैं, उनके साथ मस्ती करना चाहते हैं।
![Parent's support is essential for children](https://www.thinkright.me/wp-content/uploads/2019/08/parents-and-kids-1-1024x610.jpg)
छोटी उम्र में बच्चों के लिए पैरेंट्स का साथ बहुत ज़रूरी होती है, इसलिये ज़रूरी है कि पैरेंट्स अपनी बाकी ज़िम्मेदारियों के साथ ही बच्चे के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी का ध्यान रखें और बिज़ी शेड्यूल में से डेली थोड़ा समय बच्चे के लिए निकालें। ध्यान रहें कि जब आप बच्चे से बात करें या उसके साथ हो, तो आपके पास कोई गैजेट नहीं होना चाहिये। बच्चे को यह लगे कि आप सिर्फ और सिर्फ उसके साथ है।
ऐसे बिताएं बच्चों के साथ समय
– बच्चे के साथ थोड़ी देर कोई भी आउटडोर या इनडोर गेम खेलें, वैसे आउटडोर गेम ज़्यादा बेहतर रहता है
– छुट्टी के दिन बच्चे को पार्क, समुद्र किनारे, ज़ू आदि घूमाने ले जायें।
– रोज़ जब आप एक्सरसाइज़ करें, तो अपने साथ बच्चे को भी एक्सरसाइज़ करवाएं। इससे दो फायदे होंगे, बच्चे को आपका साथ मिलेगा और उसकी सेहत भी ठीक रहेगी।
– बच्चों के लिये कुछ खरीदना हो, तो उन्हें भी शॉपिंग के लिए साथ ले जायें। इससे उनकी भी थोड़ी आउटिंग हो जायेगी और आप दोनों को साथ ज़्यादा समय बिताने का मौका मिलेगा।
– कभी-कभार यानी महीने में एक बाहर डिनर के लिये बच्चे को बाहर भी ले जा सकते हैं।
– छुट्टी के दिन बच्चे से किचन में छोटा-मोटा काम करवायें, इसमें उन्हें बहुत मज़ा आएगा।
– कोशिश करें कि रोज़ाना खाना साथ में खायें।
– बच्चे के होमवर्क और स्कूल प्रोजेक्ट आदि में मदद करें।
ताकि बच्चों के साथ रिश्ता ‘रहे सही’
– बच्चा जब भी कुछ बोले तो ध्यान से उसकी बात सुनें। उसे लगना चाहिए आप उसे महत्व दे रहे हैं।
– बच्चे को डांटने और मारने की बजाय प्यार से कोई बात समझाये।
– बच्चे के साथ क्वालिटी टाइम बिताना बहुत ज़रूरी है।
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