सिंगल यूज़ प्लास्टिक का न करें इस्तेमाल

सिंगल यूज़ प्लास्टिक का न करें इस्तेमाल

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अक्सर गर्मियों में आप कोल्ड ड्रिंक की ठंडी बोतल खरीदकर अपनी प्यास बुझाते हैं, लेकिन क्या आपने सोचा है कि इसकी वजह से कोई बेज़ुबान जानवर भूखा मर सकता है। क्या आप इस बात को सोचते हैं कि आपके द्वारा इस्तेमाल किया गया प्लास्टिक जाता कहां हैं? प्लास्टिक हम सभी की ज़िंदगी का हिस्सा बन गया है, जिसका इस्तेमाल हम बिना सोचे समझे करते हैं। जैसे आपके घर रोज़ आने वाले प्लास्टिक के पाउच में दूध, ब्रेड, रिफाइंड, लिक्विड रिफिल्स और न जाने क्या-क्या। लेकिन प्रकृति को बचाने के लिये प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करना बहुत ज़रूरी है और इसकी शुरूआत करने के लिये सबसे पहले ‘सिंगल यूज़ प्लास्टिक’ का इस्तेमाल करना बिलकुल बंद करना महत्वपूर्ण  है।

कैसे ‘सिंगल यूज़ प्लास्टिक’ का इस्तेमाल बंद करे?

– जूस, कोल्ड ड्रिंक्स की प्लास्टिक की बोतलें न खरीदें।

– मार्किट से सामान लाने के लिये घर से कपड़े या जूट का बैग लेकर जायें।

– दाल-चावल आदि का पैकेट खरीदने से बेहतर है कि खुले दाल-चावल खरीदें।

– डिटर्जेंट, मसाले और दूसरी चीज़ें भी गत्ते की पैकिंग वाले खरीदें।

– शेव करने के लिये ऐसा रेज़र यूज़ करें, जिसमें ब्लेड रिप्लेस हो जाते हो। डिस्पोज़ेबल रेज़र इस्तेमाल न करें।

ऐसे ही कई आसान तरीके हैं, जिनको अपनाकर आप अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी से सिंगल यूज़ प्लास्टिक का इस्तेमाल कर सकते है। इस दिशा में भारत सरकार काफी गंभीर है और देश के नागरिकों से भी उम्मीद कर रही है कि जितना हो सके सिंगल यूज़ प्लास्टिक का इस्तेमाल कम से कम करें।

सिंगल यूज़ प्लास्टिक का न करें इस्तेमाल
प्लास्टिक पर रोक लगाये, जागरुरता फैलायें | इमेज : फाइल इमेज

ओडिशा ने भी उठाया इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम

सिंगल यूज़ प्लास्टिक को बैन करने की दिशा में ओडिशा में दूध के लिये एटीएम जैसी मशीन लगने की शुरुआत हो गई है। यह मशीन गंजम ज़िले के बरहमपुर में लगाई गई है।

इस मिल्क एटीएम से कोई भी व्यक्ति कम से कम 250 ग्राम दूध 10 रुपये डाल कर अपने डिब्बे में ले जा सकता है। एक मिल्क एटीएम की कपैसिटी 500 लीटर है और एक बार में ज़्यादा से ज़्यादा 1 लीटर दूध लिया जा सकता है। उम्मीद की जा रही है कि इस प्रोजेक्ट के चलते 7,200 डेरी किसानों को लाभ पहुंचेगा। साथ ही उन बेज़ुबान जानवरों को जीवनदान मिलेगा, जो प्लास्टिक खाने, उसमें उलझने या शरीर के किसी अंग में फंसने से मर जाते थे।

सिंगल यूज़ प्लास्टिक को बैन करने के लिये ‘पहल करें सही’

पहले यह आदत खुद अपनायें।

– इस दिशा में उठाये हुये अपने कदम दूसरों को बतायें।

– जागरुकता फैलायें।

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