व्रत का भारतीय संस्कृति में बहुत महत्व है। पूजा-पाठ और त्योहारों में व्रत की पुरानी परंपरा है, लेकिन इसके धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व से अलग आज के ज़माने में व्रत के और भी कई फायदे हैं और इन्हें जानने के बाद शायद आप भी उपवास करने लगेंगे।
विल पावर बढ़ाती है
उपवास में शरीर भोजन से दूर रहता है, जो उसके लिये आनंददायक क्रिया है। भोजन देखकर भी उसे नहीं खाना और इस इच्छा का त्याग करने के लिए मज़बूत इच्छाशक्ति यानी विलपावर की ज़रूरत होती है। आप जो चीज़ रोज़ खाते हो, उससे दूर रखकर आप खुद को मानसिक रूप से भी मज़बूत बनाते हैं और यह शरीर और मन दोनों को डिसिप्लीन में रहना सीखा देता है।
एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज होता है
उपवास से सही समय पर एंडोर्फिन हार्मोन सही अनुपात में रिलीज होता है, जिससे आपका मूड संतुलित रहता है। मानवविज्ञानी के अनुसार, हमारे पूर्वज दिन में एक बार ही ठीक से भोजन करते थे, जिससे उनका मूड और मन दोनों संतुलित रहता था। जामा इंटरनल मेडिसन स्टडी ने 200 लोगों का सर्वे किया जिसके मुताबिक, जिन लोगों ने अपने भोजन में 25 फीसदी की कटौती कर दी, यानी व्रत करने लगे उनका मूड पहले से अच्छा रहने लगा और रात में अच्छी नींद भी आती थी।
वज़न कम करना
मूड और नींद की क्वालिटी सुधारने के साथ ही उपवास वज़न कम करने में भी मददगार है। शारीरिक बदलाव के साथ ही ही प्रतिभागियों ने नए सिरे से ऊर्जा और शक्ति महसूस किया। यदि आप अपने बढ़े हुए वज़न से परेशान है, तो व्रत की सदियों पुरानी परंपरा अपनाकर अपना पेट कम कर सकते हैं।
मस्तिष्क में नए सेल्स के विकास में मदद
व्रत करने से न्यूरोनल ऑटोफैगी मस्तिष्क में नई कोशिकाओं के विकास में मदद करते हैं। यह बीमारी से लड़ता है और प्रोटीन व क्षतिग्रस्त जीवों को जमा करके सेल्स की हिफाज़त करता है। ऑटोफैगी को सेलुलर सेल्फ क्लिनिंग कहते हैं, जो मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार करके याददाशत और कॉन्संट्रेशन बढ़ाता है।
व्रत के तरीके
16/8 मैथड
इस तरह के व्रत में 16 घंटे का उपवास रखा जाता है और बचे हुए 8 घंटे में 2-3 बार भोजन करना होता है। दिन में ज़्यादा देर तक पेट खाली रहने से मेटाबॉलिज़्म बढ़ता है। सेल यानी कोशिकाओं को शक्ति प्रदान करने वाले माइटोकॉन्ड्रिया को कैलोरी प्रोसेसिंग नहीं होने से थोड़ा आराम मिलता है और उसे अन्य काम ठीक से करने में मदद मिलती है।
5:2 डाइट
इस तरीके में आपको हर दिन 2000 कैलोरी कन्ज़्यूम करने की इजाज़त है, लेकिन हफ्ते में दो दिन आपको सिर्फ 500 कैलोरी ही खानी है। यदि आप वज़न कम करना चाहते हैं, तो यह आपके लिए आदर्श डाइट है। इस तरह का डाइट पैटर्न फॉलो करने से आपका मेंटल हेल्थ जीवनभर बना रहता है, मस्तिष्क की कार्यप्रणाली ठीक रहती है और दिल की बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है।
ईट-स्टॉप-ईट
इस तरह के व्रत में 24 घंटे का उपवास करना होता है और फिर 48 घंटे तक नियमित रूप से खाएं। फिर इस प्रक्रिया को दोहरायें। इस तरह भोजन करने से आप हल्का महसूस करते हैं और दिमाग भी शांत रता है। इस तरह के डाइट का फायदा है ग्रोथ हार्मोन का लेवल बढ़ाना, बॉडी फैट व वेट कम करना एवं स्केलेटन मसल्स का ठीक तरह से रखरखाव
तो आप भी व्रत के इन तरीकों में से कोई एक क्यों नहीं ट्राई करते हैं?
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