वर्किंग मदर के लिये बच्चों की परवरिश बहुत मुश्किल हो जाती है। नौकरी और बच्चों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के बीच कई बार वह गिल्ट फीलिंग का शिकार हो जाती हैं कि वह बच्चों को समय नहीं दे पा रही। ऐसे में ज़रूरी है कि वर्किंग मॉम थोड़ा अपने रूटीन में बदलाव करें और कुछ छोटी-छोटी बातों को जीवन में शामिल करें जिससे उनके और बच्चे का रिश्ता मज़बूत हो।
6 साल की अनन्या के स्कूल का आज एनुअल डे है और उसने डांस में भाग लिया है। अनन्या अपनी मॉम से स्कूल चलने की ज़िद्द कर रही है, मगर उसकी मां नेहा के ऑफिस में ज़रूरी मीटिंग है इसलिये वह अनन्या के साथ नहीं जा पाई। बेचारी अनन्या का दिल टूट गया, बुरा तो नेहा को भी बहुत लगा, मगर कुछ कर नहीं सकती। अधिकांश वर्किंग मॉम को कई बार ऐसी स्थिति से गुज़रना पड़ता है। मगर कुछ बातों का ध्यान रखकर वर्किंग मॉम बच्चे के साथ क्वालिटी टाइम बिता सकती हैं। इससे उनकी बॉन्डिंग मज़बूत होगी और गिल्ट फीलिंग कम।
जर्नल लिखना सिखायें
हालांकि जर्नल लिखना बच्चों का खेल नहीं है, लेकिन आप इसे बच्चों के साथ ट्राई ज़रूर कर सकती हैं। यदि आप लेट नाइट घर आती हैं और बच्चा सो जाता है। इसलिये बच्चे को जर्नल लिखना सिखायें कि पूरे दिन उसने क्या किया है। बच्चा लिखने के साथ ही उसमें कुछ चित्र बनायेगा या उस दिन से जुड़ी कोई चीज़ भी चिपका सकता है, इस काम में उसे बहुत मज़ा आयेगा। फिर छुट्टी के दिन या जब भी टाइम मिले बच्चे के साथ मिलकर जर्नल पढ़ें।
अपनी पसंदीदा हॉबी में शामिल करें
पूरे हफ्ते तो आप काम में बिज़ी रहती हैं, लेकिन छुट्टी का दिन बच्चों के नाम कर दें। अपनी फेवरेट हॉबी चाहे वो पेंटिंग हो, रनिंग, बुक रीडिंग या कुकिंग, में बच्चे को भी शामिल करें। उसे उसकी उम्र के मुताबिक ही काम दें। जब आप दोनों साथ मिलकर एक काम करेंगे तो आप दोनों को बहुत मज़ा आएगा।
पिकनिक जाएं
छुट्टी के दिन आप चाहें तो किसी नज़दीकी पार्क में बच्चे के साथ जाकर पिकनिक मनायें। घर से ही खाने-पीने की चीज़ें और खेलने का सामान ले जायें और गार्डन में बच्चे के साथ जमकर मस्ती करें। बाहर जाना बच्चों को बहुत पसंद होता है और जब पैरेंट्स साथ हो तो बच्चों की खुशी दोगुनी हो जाती है और वो पैरेंट्स के और करीब आते हैं।
घर के काम में बच्चों को शामिल करें
क्वालिटी टाइम बिताने का यह मतलब नहीं है कि आप बच्चे के साथ बैठकर सिर्फ बात करें, बल्कि उसे घर के छोटे-मोटे काम में भी शामिल करें। छोटे बच्चे भले ही कोई काम ठीक से नहीं कर पायें, लेकिन आपका साथ पाकर ही वह खुश हो जाते हैं।
साथ में डिनर
हर रात पूरे परिवार के साथ डिनर करें और इस दौरान मोबाइल, टीवी जैसे गैजेट्स को दूर रखें। डिनर टाइम के दौरान बच्चे से बात करें।
और भी पढ़िये : घर दोनों का, दोनों की है ज़िम्मेदारी
अब आप हमारे साथ फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर भी जुड़िये।