कहते हैं पूत के पांव पालने में ही नज़र आ जाते हैं, कुछ बच्चों के संबंध में ये बात बिल्कुल सटीक बैठती है। खेलने-कूदने और पढ़ने की उम्र में इन बच्चों ने ऐसे कारनामे कर दिखाएं हैं, जिन्हें जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। बालदिवस के मौके पर चलिए आपको मिलवाते हैं अद्भुत प्रतिभा के धनी कुछ ऐसे ही बच्चों से जिनकी प्रतिभा उम्र से कहीं ज़्यादा है।
अद्वैत ठाकुर
16 साल के अद्वैत ठाकुर एक सफल स्टार्टअप के संस्थापक है। 2015 में उन्होंने एपेक्स इंफोसिंस नामक स्टार्टअप शुरू किया, जो डिजिटल सॉल्यूशन प्रदान करती हैं। जिस उम्र में बच्चों को करियर में क्या करना होता है, ये तक नहीं पता होता, उस उम्र में अद्वैत सफल बिज़नेसमैन बन गए। अद्वैत 6 साल की उम्र से ही कंप्यूटर का इस्तेमाल कर रहे हैं और 9 साल की उम्र में उन्होंने पहली वेबसाइट बनाई थी। यही नहीं उन्होंने ‘टेक्नोलॉजी क्विज़’ ऐप बनाया है, जो बच्चों को साइंस और टेक्नोलॉजी से संबंधित चीज़ें सीखने में मदद करेगा। वह गूगल के लिए ‘ऑटिज़्म अवेयरनेस’ ऐप भी बना चुके हैं जिसकी मदद से लोग ऑटिज़्म और इससे संबंधित डिसऑर्डर के बारे में जान सकते हैं।
श्याम रमेश
14 साल की उम्र में ही हैदराबाद के श्याम रमेश अलेक्सा स्किल डेवलपर बन चुके हैं। अलेक्सा अमेजॉन का बनाया एक वर्चुअल डिजिटल असिस्टेंट हैं, जो की स्मार्ट डिवाइसेस को कंट्रोल करने के साथ ही आपकी कई अन्य तरह से भी मदद करता है। श्याम रमेश ने अपने घर पर अलेक्सा आने पर पहले तो उसके साथ बस खेलते रहे, लेकिन बाद में श्याम को अलेक्सा स्किल स्टोर के बारे में पता चला, और ढ़ेर सारे यूट्यूब चैनल देखकर वह यह सीखने के कोशिश करने लगे कि अलेक्सा में स्किल कैसे डेवलप करते हैं। स्क्रैच टिप्स और माइनक्राफ्ट टिप्स डेवलप करने के बाद वह अलेक्सा के साथ कुछ गंभीर प्रोजोक्ट्स पर काम कर रहे हैं। श्याम का सपना है अलेक्सा के वैज्ञानिकों से मिलना।
एम तेनिश आदित्य
चौथी क्लास से ही कंप्यूटर एप्लीकेशन के बारे में सीखना शुरू करने वाले एम तेनिश ने 15 साल की उम्र तक 17 आविष्कार कर लिए थे और उन्हें 15 अवॉर्ड पर मिल चुका है। तेनिश आदित्य की सफलता का एक ही मंत्र है कि वह समस्या के साथ जीना नहीं चाहते, इसलिए उसे हल कर देते हैं। वह अब तक 35 कंप्यूटर एप्लीकेशन और 6 भाषाएं सीख चुके हैं। आदित्य का अपने एक्सपेरिमेंट के दौरान कई डिवाइस को कनेक्ट करना होता है जिसके लिए बहुत सारे तार और प्लग की ज़रूरत पड़ती है। इतने सारे तार और प्लग बहुत परेशान करते हैं, इसलिए इस समस्या को हल करने के लिए आदित्य ने एडस्टेबल इलेक्ट्रिसिटी एक्सटेंशन बोर्ड तैयार कर दिया।
‘गूगल बॉय’ कौटिल्य पंडित
सिर्फ 5 साल की उम्र में एक गेम शो में हिस्सा लेकर गूगल बॉय अचानक से लाइम लाइट में आया। इस छोटे से बच्चे के पास हर कठिन से कठिन सवाल का भी जवाब है, जिसे देखकर लोग दांतों तले अंगुली दबा लेते थे। कौटिल्य की इसी बुद्धिमता की वजह से उन्हें गूगल बॉय कहा जाने लगा, क्योंकि जिस तरह से गूगल के पास हर सवाल का जवाब है कौटिल्य के पास भी है। अब इतनी छोटी सी उम्र में जानकारी का भंडार कौटिल्य हजारों-लाखों लोगों की प्रेरणा बन चुका है।
ट्रुपराज पंड्या
सिर्फ दो साल की उम्र से ही तबला बजाने वाले ट्रुपराज ने पहली बार मुंबई के सौमइया कॉलेज में 2 साल की उम्र में परफॉर्म किया था। 3 साल की उम्र में उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो और 4 साल में दूरदर्शन पर प्रस्तुति दी। 6 साल की उम्र में ही उन्हें गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर से सबसे युवा तबला वादक का खिताब मिला। दरअसल, पंड्या की बचपन से ही संगीत में रुचि है और इसी दिलचस्पी ने उन्हें सबसे युवा तबला वादक बना दिया।
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