भारत में लाए थे दूध की क्रांति- डॉ. वर्गीज कुरियन

भारत में लाए थे दूध की क्रांति- डॉ. वर्गीज कुरियन

भारत को दुनिया का सर्वाधिक दूध उत्पादक देश बनाने वाले डॉ. वर्गीज कुरियन की कहानी
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एक ज़माना था, जब कहा जाता था कि भारत में दूध की नदियां बहती थी, लेकिन फिर एक समय ऐसा भी था, जब देश दूध की कमी से जूझने लगा। ऐसे समय में डॉ. वर्गीज कुरियन ने भारत  को दुनिया का सर्वाधिक दूध उत्पादक देश बनाया। अपनी पॉज़िटिव सोच से उन्होंने दिखा दिया कि किस तरह चीज़ों को बदल सकता है।

भारत के मिल्कमैन की कहानी                                            

मिल्कमैन ऑफ इंडिया’ के नाम से मशहूर डॉ. वर्गीज कुरियन का जन्म केरल के एक छोटे से गांव कोझिकोड में 26 नवंबर साल 1921 में  हुआ था।  वर्गीज कुरियन ने लोयोला कॉलेज से ग्रेजुएशन और गिंडी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने जमशेदपुर स्थित टिस्को में काम करना शुरू कर दिया। इस बीच भारत सरकार ने उन्हें डेयरी इंजीनियरिंग में पढ़ाई करने के लिए स्कॉलरशिप दी।

दूध उत्पादन का आया था विचार

साल 1948 में मिशीगन स्टेट यूनिवर्सिटी से डॉक्टर वर्गीज कुरियन ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की मास्टर डिग्री हासिल की, जिसमें डेयरी इंजीनियरिंग भी उनके पास एक विषय था। इस विषय की पढ़ाई करते समय कुरियन ने देश में दूध उत्पादन लाने के लिए दिन – रात एक कर दिया।

ये उनकी मेहनत का नतीजा था कि देश में दूध के क्षेत्र में श्वेत क्रांति आई।

भारत में लाए थे दूध की क्रांति- डॉ. वर्गीज कुरियन
भारत में शुरु हुआ दूध उत्पादन |इमेज : फाइल इमेज

ऐसे हुआ था अमूल का जन्म

देश को दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने और किसानों की दशा सुधारने के लिए उन्होंने त्रिभुवन भाई पटेल के साथ मिलकर खेड़ा जिला सहकारी समिति शुरू की। साल 1949 में कुरियन ने गुजरात में दो गांवों को सदस्य बनाकर डेयरी की स्थापना की थी। कुरियन दुनिया के पहले व्यक्ति थे, जिन्होनें भैंस के दूध से पाउडर बनाने का कारनामा कर दिखाया था। इससे पहले सिर्फ गाय के दूध से ही पाउडर बनाया जाता था।

को-ऑपरेटिव सोसाइटी से पड़ा अमूल नाम

डॉ. कुरियन ने देश के सबसे मशहूर डेयरी ब्रैंड अमूल की नींव 1946 में आणंद में पड़ी थी। उस वक्त आणंद जिले में पोलसन डेयरी चलती थी। पोलसन डेयरी स्थानीय किसानों से कम कीमत पर दूध खरीदकर उसे ऊंचे दामों में बेचती थी। इतना ही नहीं, किसानों को किसी दूसरे वेंडर को भी दूध नहीं बेचने देती थी। इस शोषण के खिलाफ किसानों ने हड़ताल कर दी थी। पोलसन डेयरी को दूध बेचना बंद कर दिया।

जिसके बाद किसानों के हित के लिये को-ऑपरेटिव सोसाइटी बनाई गई, जिसमें किसानों को दूध की अच्छी कीमत मिलती थी। यही को-ऑपरेटिव सोसाइटी आगे चलकर अमूल डेयरी के नाम से मशहूर हुई।

अमूल नायक को मिला था यह अवॉर्ड

देश में श्वेत क्रांति लाने वाले ‘फादर ऑफ द व्हाइट रेवेल्यूशन’ कुरियन के आइडिया ‘ऑपरेशन फ्लड’ ने भारत की मिल्क इंड्स्ट्री को हमेशा-हमेशा के लिए बदल के रख दिया। बेहतरीन योगदान के लिए उन्हें रैमन मैगसेसे, पद्म विभूषण और वर्ल्ड फूड प्राइज जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

इमेज : फेसबुक

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