शिक्षा हर किसी के जीवन का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है। ऐसा माना जाता है कि बच्चा दूसरी क्लास तक जो कुछ भी सीखता है, उससे आने वाली कक्षाओं की नींव बनती है। इस बात के महत्व को समझते हुए 321 फाउंडेशन ने ‘इग्नाइट’ नाम से एक प्रोग्राम शुरु किया। यह सुनिश्चित करता है कि बच्चा जब दूसरी क्लास से पास हो, तो उसकी मूलभूत शिक्षा में महारथ हासिल कर ली हो। इस एनजीओ का मानना है कि हर स्कूल के पास छोटे बच्चों को सही तरीके से पढ़ाने वाले अध्यापक हो और वह सभी सुविधाएं होनी चाहिये जिससे बच्चा शुरूआती ज्ञान को आसानी से समझ सकें।
कैसे काम करता है यह प्रोग्राम?
इस प्रोग्राम के चार महत्वपूर्ण फीचर है, जिसकी मदद से अध्यापकों व उनके छात्रों को फायदा होता है।
वर्कशॉप और वन-ऑन-वन कोचिंग
इसकी मदद से अध्यापकों को अलग-अलग सपोर्ट दिया जाता है। व्हाट्सऐप और दूसरे माध्यम के ज़रिए उनके साथ संपर्क में रहा जाता है। पूरे साल उनके हर सवाल का जवाब दिया जाता है। साथ ही टीचर्स को मोटिवेट करने के लिए इनाम दिए जाते हैं। इसके साथ पूरा साल अलग-अलग समय पर कई मोटिवेशनल कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
![321 फाउंडेशन - बच्चों के उज्जवल भविष्य की नींव](https://www.thinkrightme.com/wp-content/uploads/2019/12/Untitled-design-54-1-1-1.jpg)
विश्वस्तरीय पाठ्यक्रम
अध्यापकों व छात्रों को इस तरह का पाठ्यक्रम दिया जाता है, जो उन्हें बेहतर तरीके से पढ़ाने और पढ़ने में मदद करता है। अध्यापकों को छात्रों को मोटिवेट करने से जुड़ा पाठ्यक्रम, क्लास को मैनेंज करने जैसी बातों पर ध्यान दिया जाता है। छात्रों के लिए न्यूरोसाइंस और स्टूडेंट लर्निंग के आधार पर इस तरह का पाठ्यक्रम दिया जाता, जिससे क्लास में बातचीत या चर्चा काफी मज़ेदार हो जाती है।
डेटा को विश्लेषण
छात्रों की प्रगति और प्रोग्राम से जो भी उन्हें सीख मिल रही है, उससे जानने के लिए विश्लेषण किया जाता है। इसके तहत अध्यापकों को डेटा का विश्लेषण करना सिखाया जाता है। साथ ही 321 फाउंडेशन भी लगातार बच्चों का लर्निंग डाटा इकट्ठा करता है, जिसकी मदद से प्रोग्राम को इंप्रूव किया जाता है।
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अभिभावकों से जुड़ाव
छात्रों के माता-पिता और स्कूल के साथ लगातार जुड़े रहते हैं। इसमें माता-पिता को कई सेशन्स की मदद से समझाया जाता है कि उनका बच्चा क्या सीख रहा है, और वो घर पर कैसे उसकी मदद कर सकते हैं। साथ ही स्कूल मैनेजमेंट को भी अपडेट किया जाता है कि उनके स्कूल, टीचर्स और स्टूडेंट्स को क्या-क्या गतिविधियां करवाई गई हैं।
इस तरह के कार्यक्रमों से स्कूल और बच्चों को बेहतर तरीके से सीखने को मिलता है और 321 एनजीओ ने साल 2018 में एक लाख से ज़्यादा बच्चों का भविष्य बेहतर बना है।
इमेज : फेसबुक
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