आईएएस महिला अधिकारी ने बस ड्राईवर बनकर दी प्रेरणा

आईएएस महिला अधिकारी ने बस ड्राईवर बनकर दी प्रेरणा

वॉल्वो बस चलाकर सी शिखा ने महिलाओं को ड्राईवर बनने की दी प्रेरणा
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महिला का व्यक्तित्व अपने आप परिपूर्ण होता है। उसके अंदर जन्म देने, पालने और समाज में बदलाव लाने की शक्ति होती है। फील्ड चाहे कोई भी हो, जब महिला दूसरों को प्रेरणा देते हुए अपना काम करती है, तो उसके काम में अलग आकर्षण होता है। ऐसे ही आकर्षण का केंद्र बनी बैंगलूरु की महिला आईएएस अधिकारी सी शिखा।

महिला ड्राईवर के लिये बनी प्रेरणा

दरअसल सी शिखा बैंगलूरु मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट कोरपोरेशन (बीएमटीसी) में  मैनेजिंग डॉयरेक्टर है। काम के दौरान उन्होंने महसूस किया कि बीएमटीसी में 14 हजार से भी ज़्यादा ड्राइवर हैं, लेकिन इसमें महिला ड्राइवर की संख्या काफी कम है। शिखा चाहती है कि ज़्यादा से ज़्यादा महिलाएं इस प्रोफेशन में आएं, इसलिए महिलाओं को प्रेरित करने के लिए उन्होंने एक वॉल्‍वो बस चलाई।

कई पदों पर किया काम

आईएएस सी शिखा को पिछले साल ही बीएमटीसी के मैनेजिंग डॉयरेक्टर की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। इससे पहले वह कर्नाटक सेक्रेटेरियट में ज्वॉइंट सेक्रेटरी का पदभार संभाल रही थी। वह बैंगलूरु इलेक्ट्रसिटी सप्लाई कंपनी में भी टॉप पद पर रही हैं।

आईएएस सी. शिखा ने किया प्रेरित
आईएएस सी. शिखा ने किया प्रेरित |इमेज : प्रजावनी.नेट

बीएमटीसी में लंबे समय से महिला बस ड्राईवर तैनात करने की बात हो रही थी, लेकिन यह मुमकिन नहीं हो पा रहा था। इसलिए सी शिखा ने महिलाओं को प्रेरणा देने का सोचा और ये उन्हें सबसे बेहतर समय लगा।

बस चलाकर सबको चौंकाया

ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी महिला आईएएस अफसर ने टेस्टिंग के लिए खुद बस की ड्राईविंग की। उन्होंने टेस्ट ट्रैक पर खुद वोल्वो चलाई। ऐसा नज़ारा देखकर पहले तो कर्मचारी चौंक गये, लेकिन बाद में सभी ने तालियां बजाकर उनका उत्साह बढ़ाया। इतना ही नहीं आईएएस के इस कदम ने कई लोगों को प्रेरित भी किया। इसमें खासकर कॉरपरेशन से जुड़ी अकेली महिला ड्राईवर प्रेमा रमप्पा भी शामिल रहीं।

ड्राईवर्स की परेशानियों को समझा

ड्राईवर्स को कई स्तर पर परेशानियों का सामना करना पड़ता है, इसके बावजूद यात्रियों की सुरक्षा उनकी ज़िम्मेदारी है और इसे ईमानादारी से निभाना है। अगर कोई हादसा हो जाता है, तो सबसे पहले दोष ड्राईवर को दिया जाता है। उन्हें क्या परेशानी हो रही है, इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। इसी बात को ध्यान में रखते हुए शिखा ने बस ड्राईवर्स की दिक्कतों को समझा और सभी परेशानियों को दूर करने का आश्वासन भी दिया।

आज हर फील्ड में महिलायें न सिर्फ कामयाबी के नए आयाम छू रही है, बल्कि लोगों को प्रेरित करके समाज में समाज में बदलाव भी ला रही है।

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