ऑफिस में काम का प्रेशर तो हमेशा ही रहता है, लेकिन जब यह प्रेशर दिमाग और ज़िंदगी पर असर डालने लगे तो सावधान होने की ज़रूरत है। क्योंकि यही दबाव वर्क बर्नआउट का शिकार बना देता है, जो लंबे समय से चले आ रहे तनाव के कारण होता है और जिसका असर मन व शरीर दोनों पर होता है।
संकेत, जो आपको दे रहे हैं तनाव
क्या सुबह उठने के बाद आपका ऑफिस जाने का मन नहीं करता?
आपका मनोबल टूट चुका है?
रात में ठीक से सो भी नहीं पाते?
काम करने का मन नहीं करता और हमेशा थकान होती है?
यदि इन सबका जवाब हां हैं, तो आप काम के तनाव का शिकार है।
हमेशा थका हुआ महसूस करना
कभी-कभार थकान महसूस होना अलग बात है, लेकिन आपको यदि लगातार ही बिना ज़्यादा काम किए थकान महसूस होती है, हड्डियों में दर्द होता रहता है तो यह बताते हैं कि आपने काम करने से ज़्यादा उसका तनाव ले लिया है। शारीरिक के साथ ही मानसिक थकान भी महसूस होती है।
काम में बिल्कुल मन नहीं लगता
आप जो भी काम कर रहे उसमें आपको ज़रा भी मज़ा नहीं आता और न ही आपकी कुछ करने और जानने की जिज्ञासा होती है। हमेशा आप यही सोचते रहते हैं कि इस काम को क्यों कर रहे हैं?
क्षमता कम हो जाती है
आपकी काम करने की क्षमता और प्रोडक्टिविटी धीरे-धीरे कम होने लगती है। आपके अंदर काम को लेकर किसी तरह का उत्साह और जोश नज़र नहीं आता।
पर्सनल-प्रोफेशनल लाइफ में संतुलन नहीं बना पाते
काम के तनाव के कारण न तो आपको ऑफिस में मानसिक शांति मिलती है और न ही घर पर परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिता पाते हैं। आप दोनों के बीच में कहीं फंसा हुआ महसूस करते हैं।
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तनाव के कारण?
ऑफिस में लंबे समय तक तनाव इन कारणों से हो सकता है, जो बर्न आउट का कारण बन सकते हैं-
- ऑफिस में अच्छा व्यवहार न होना
- काम के दबाव को सही तरीके से मैनेज न कर पाना
- अपनी ज़िम्मेदारी को लेकर स्पष्टता न होना
- सहयोग न मिलना
काम के तनाव से कैसे निपटें
बॉस या कलीग से बात करें
जब कभी आपको लगे की तनाव बहुत बढ़ रहा है तो अपने बॉस या कलीग से बात करें। बातचीत से हो सकता है समस्या का कोई हल निकल जाए या हो सकता है कि आपका बॉस या कलीग भी इसी स्थिति से गुज़र चुका हो, तो वह आपको इससे उबरने के उपाय बता सकता है।
कुछ दिनों का ब्रेक लें
काम के बीच-बीच में कुछ दिनों की छुट्टियां लेकर वीकेंड पर परिवार के साथ कहीं सैर करने निकल जाएं और ऑफिस को पूरी तरह से भूल जाएं। इससे आपका सारा तनाव दूर हो जाएगा और मूड बिल्कुल फ्रेश हो जाएगा।
काम को सेहत से अधिक प्राथमिकता न दें-
सेहत सबसे पहले आती है। जब आपकी सेहत अच्छी रहेगी तभी तो आप काम कर पाएंगे, इसलिए हमेशा सबसे पहले अपनी शारिरिक और मानसिक सेहत का ख्याल रखें। काम के लिए सेहत से समझौता कभी न करें।
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