हर किसी के सोने का तरीका अलग होता है, कुछ को पीठ के बल सोने में आराम मिलता है तो कुछ को करवट लेकर। सोने की सबसे सही स्थिति वही होती है जिसमें सोने पर आपको आराम मिले, अच्छी नींद आए और सुबह उठने के बाद शरीर में किसी तरह का दर्द न हो। आइए, जानते हैं विज्ञान के अनुसार सोने की कौन सी सही स्थितियां है।
सभी के लिए एक ही पोजीशन नहीं सही
हर व्यक्ति की सहजता, शारीरिक बनावट और स्वास्थ्य समस्याएं अलग-अलग होती है। इसलिए उनके लिए आदर्श सोने का तरीका भी अलग हो सकता है। हालांकि कुछ अध्ययन एक तरफ करवट लेकर सोने को अच्छा मानते हैं। चलिए जानते हैं अलग-अलग स्लीपिंग पोजीशन के फायदों और जोखिम के बारे में विज्ञान क्या कहता है।
एक तरफ करवट लेकर सोना
बहुत से लोगों को करवट लेकर सोना आरामदायक लगता है। यदि आप पैरों को सीधा रखकर करवट लेकर सोते हैं तो इससे आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी रहती है। जिन्हें स्लीप एप्निया और खर्राटे लेने की समस्या है, उनके लिए यह पोजीशन अच्छी मानी जाती है। साथ ही इससे रक्त प्रवाह अच्छा रहता है, मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है, कब्ज व हार्टबर्न की समस्या कम होती है। हालांकि विज्ञान के मुताबिक, हार्ट फेलियर के मरीजों को बाईं करवट लेकर सोने से परहेज करना चाहिए। वह दायीं करवट लेकर सो सकते हैं।
भ्रूण की पोजीशन में सोना
गर्भ में बच्चा जैसे घुटनों को मोड़कर रहता है, कुछ लोग इसी पोजीशन में सोते हैं। हालांकि करवट लेकर सोना फायदेमंद होता है और स्लीप एप्निया की समस्या दूर होती है, लेकिन इस मुद्रा में सोने से कुछ लोगों को जोड़ों में दर्द और अकड़ जाने जैसी समस्या हो सकती है। इस पोजीशन में असहजता से बचने के लिए आप घुटनों के बीच में तकिया रख सकते हैं।
पीठ के बल सोना
सिर, गर्दन और रीढ़ की हड्डियों को एक सीध में रखने के लिए यह पोजीशन बेहतरीन है। इससे शरीर का भार किसी एक अंग पर नहीं पड़ता, वह समान रूप से बंट जाता है। हालांकि यह पोजीशन हर किसी के लिए सही नहीं मानी जा सकती, खासतौर पर जिन लोगों को पीठ के निचले हिस्से में दर्द और स्लीप एप्निया की समस्या है उन्हें पीठ के बल नहीं सोना चाहिए। अध्ययन के मुताबिक, यह खर्राटे और स्लीप एप्निया की समस्या को बढ़ा सकती है। जिन लोगों को हार्टबर्न की समस्या है उनके लिए भी यह पोजीशन सही नही हैं।
पेट के बल सोना
बहुत कम लोग इस तरह से सोते हैं। सोने का यह तरीका गलत है। इससे मांसपेशियों और जोड़ों पर दबाव पड़ता है। साथ ही दर्द और शरीर के किसी हिस्से के सुन्न हो जाने जैसी समस्या भी होती है। आमतौर पर बच्चों को इस पोजीशन में सोना पसंद आता है। यदि आप भी इस पोजीशन में सोते हैं तो आराम के लिए अपने पेल्विस और पेट के नीचे सपाट तकिया रखें जिससे रीढ़ की हड्डी सीधी रहे।
आप अपने कंफर्ट और स्वास्थ्य समस्याओं को मद्देनज़र रखते हुए अपने लिए सोने की सही स्थिति का चुनाव कर सकते हैं।
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