कोल्ड ड्रिंक बन सकती है सेहत के लिए परेशानी

कोल्ड ड्रिंक बन सकती है सेहत के लिए परेशानी

कोल्ड ड्रिंक पीने से पेट और सिर संबंधी परेशानियां दे सकती है दस्तक
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हीरो कोल्ड ड्रिंक पाने के लिए न जाने कितने पहाड़ और समुद्र कूदकर अपने डर को भगाता है तो किसी हीरोइन के लिए कोल्ड ड्रिंक गर्मी भगाता है या फिर उसका वह फेवरेट कोल्ड ड्रिंक होता है। इन मीठे विज्ञापनों की कड़वी सच्चाई यह है कि जिन हीरो-हीरोइन को टीवी में देखकर कोल्ड ड्रिंक पीने के लिए लालयित रहते हैं, असल में वह खुद इन्हें नहीं पीते। इसका कारण है कि इन काले-पीले कोल्ड ड्रिंक में किसी भी तरह के पोषक तत्व मौजूद नहीं होते है, बल्कि होते हैं हानिकारक केमिकल्स जो  सेहत पर बुरा असर करते हैं।

कोल्ड ड्रिंक का हानिकारक प्रभाव

कैफीन, चीनी और एस्पार्टेम की मात्रा अधिक

ज़्यादातर कोल्ड ड्रिंक में केमिकल रंग, कैफीन और मिठास के लिए चीनी का घोल और एस्पोर्टम मिलाया जाता है। ये कई बीमारियों का कारण बनते हैं। इसके अलावा इनमें ऐसे घटक शामिल होते हैं, जिससे शरीर उनका आदी बन जाता है। धीरे-धीरे इसके सेवन से डायबिटीज के साथ-साथ और भी कई बीमारी हो सकती है।

किडनी और लीवर की परेशानी

केवल ज़्यादा मिठास से किडनी की परेशानी नहीं होती लेकिन उसमें मिले एसिड से किडनी पर बुरा असर पड़ता है। रिसर्च के मुताबिक कोल्ड ड्रिंक ज़्यादा सेवन करने से पथरी और किडनी फेल होने की आशंका काफी हद तक बढ़ जाती है। लीवर पर भी इसका बुरा असर दिखाई देना लगता है। 

कोल्ड ड्रिंक में होते हैं केमिकल रंग और मिठास | इमेज : फाइल इमेज
दांतों को नुकसान

कोल्ड ड्रिंक पीने के बाद दांतों पर बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं। इससे दांतों में सड़न, टूटना और इससे  जुड़ी कई परेशानियां शुरू हो सकती है।

हड्ड‍ियों का कमज़ोर होना

सॉफ्ट ड्रिंक में पीएच स्तर ज़्यादा होता है, जिससे हड्डियां कमज़ोर हो जाती है। इतना ही नहीं सॉफ्ट ड्रिंक में फॉस्फोरिक एसिड मिला होता है, जो कि अम्लीय होता है ये हड्ड‍ियों से कैल्शियम सोख लेता है। कैफीन भी कैल्शियम सोखने का काम करता है, जिससे हड्ड‍ियों पर बुरा असर पड़ता है।

मोटापा एक कारण

कोल्ड ड्रिंक में ज़्यादा चीनी होने के कारण कैलोरी का स्तर तेज़ी से बढ़ता है। कैलोरी मोटापे का कारण बनती है, जो कई बीमारियों की जड़ है। इससे दिल, फेफड़े और गुर्दे प्रभावित होने का खतरा रहता है। शोधकर्ताओं ने यह भी साबित किया है कि मोटापा कैंसर कोशिकाओं को ट्रिगर करने का एक कारण हो सकता है।

दिमाग से जुड़ी परेशानियां

सॉफ्ट ड्रिंक में कृत्रिम स्वीटनर होता है, जिसे एस्पार्टेम के रूप में जाना जाता है। इसका उपयोग तालिका चीनी की तुलना में लगभग 200 गुना अधिक मीठा होने के कारण किया जाता है। यह पेय के स्वाद को बढ़ाता है लेकिन इसके कई दुष्परिणाम भी होते हैं। सामान्य शिकायतों में सिरदर्द, माइग्रेन, स्मृति हानि, भावनात्मक विकार आदि शामिल है।

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