मन को शांत और एकाग्र रखना है मेडिटेशन- दलाई लामा

मन को शांत और एकाग्र रखना है मेडिटेशन- दलाई लामा

FacebookTwitterLinkedInCopy Link

मेडिटेशन से बौद्ध धर्म का पुराना रिश्ता है। बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा भी घंटों ध्यान साधना में लीन रहते हैं। उनके अनुसार अपने दुखों से उबरने और मन को शांत रखने के लिए हर किसी के पास एक रास्ता है ध्यान लगाने का। मेडिटेशन का अर्थ भूत और भविष्य की चिंता छोड़कर अपने मन-मस्तिष्क को वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करना सिखाता है।

दलाई लामा के अनुसार ध्यान क्या है?

दलाई लामा कहते हैं, ‘अपनी चेतना की प्राकृतिक अवस्था को देखने की कोशिश करें- ऐसी स्थिति जिसमें आपकी चेतना बीते कल के विचारों, घटित हो चुकी चीज़ों, यादों से प्रभावित न हो, और न ही आने वाले कल की योजनाओं, उम्मीदों आदि का उस पर कोई असर हो। बल्कि एक तटस्थ और प्राकृतिक स्थिति में रहने का प्रयास करें।’

ध्यान के अभ्यास की श्रेणियां

दलाई लामा के अनुसार ध्यान का अभ्यास करने की दो श्रेणिया हैं एक में जहां मन की शांति पर पूरा फोकस होता है, वहीं दूसरे श्रेणी में समझ की संज्ञानात्मक प्रक्रियाओं पर ध्यान दिया जाता है। मन को शांत करने के सबसे कारगर और शक्तिशाली तरीका है अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करना। जब आप आंखें बंद करके अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो मन से विचार अपने आप दूर हो जाते हैं। शुरू में ऐसा नहीं होता और विचार दिमाग में आते रहते हैं, लेकिन धीरे-धीरे अभ्यास से यह दूर हो जाता है। न्यूरोसाइंस की भाषा में इसे डायरेक्ट एक्पीरिएंस नेटवर्क का एक्टिवेट होना कहा जाता है, जिसमें आपका दिमाग सिर्फ वर्तमान किसी चीज़ पर ध्यान केंद्रित करता है। जैसे आप समुद्र के किनारे खड़े हैं और सूरज की पहली किरण आपकी त्वचा को स्पर्श करती है और उसकी गर्माहट को पूरी तरह से महसूस करते हैं।

दलाई लामा के मेडिटेशन से जुड़े विचारों को जानकर आप इसकी शक्ति का अंदाजा लगा सकते हैं। मेडिटेशन में कितनी शक्ति होती है जानिए इस लेख में-
लोगों को संबोधित करते हुए दलाई लामा | इमेज : फाइल इमेज

एनालेटिक मेडिटेशन

दलाई लामा वैसे तो अपने रोज़ाना के जीवन में कई तरह के मेडिटेशन करते हैं, लेकिन वह खासतौर पर बुद्धिष्ठ मेडिटेशन ‘एनालेटिक मेडिटेशन’ की सलाह देते हैं। दलाई लामा के अनुसार, इस प्रकार के मेडिटेशन में व्यक्ति को अलग-अलग स्रोतों से दिमाग द्वारा इक्ट्ठा की गई जानकारी को अपनी तर्कशक्ति से डिकोड करना होता है। तर्कशक्ति दिमाग को पॉज़िटिव बनाता है और असंतुष्ट और निराशा पैदा करने वाले विचार और भावनाओं को दूर करता है।

ध्यान से मन शांत, सकारात्मक और संतुष्ट होता है और इससे आंतरिक खुशी मिलती है। मगर इसके लिए शुरुआत में किसी ट्रेनर या गुरु के मार्गदर्शन में ही मेडिटेशन करें और इसका नियमित अभ्यास करें।

और भी पढ़िये : कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से क्या वाकई डरने की ज़रूरत है?

अब आप हमारे साथ फेसबुक, इंस्टाग्राम और  टेलीग्राम  पर भी जुड़िये।

Your best version of YOU is just a click away.

Download now!

Scan and download the app

Get To Know Our Masters

Let industry experts and world-renowned masters guide you towards a meditation and yoga practice that will change your life.

Begin your Journey with ThinkRight.Me

  • Learn From Masters

  • Sound Library

  • Journal

  • Courses

Congratulations!
You are one step closer to a happy workplace.
We will be in touch shortly.